Wednesday, February 1 2023
‘क़ौल-ए-फ़ैसल’ : मौलाना आजाद की शानदार विरासत और हमारा वर्तमान
रुई लपेटी आग : लोक धारणा से इतर कथा धारणा
मजलूमों का मसीहा और बुद्धिजीवियों का नायक
जनसंवाद भाग 3 (शेष अंश)
जनसंवाद : भाग 3
‘समंदर का राजा’ बनाम ‘वह बूढ़ा और सागर’
‘नेहरू नाट्योत्सव : परम्परा एवं 2022 के नाटक’
जन संवाद: द्वितीय भाग
भविष्यत् में हिन्दी का रूप क्या हो?
मुकुटधर पाण्डेय के काव्य की पृष्ठभूमि
जन संवाद: प्रथम भाग
दीप यज्ञ बनाम मास कम्युनिकेशन
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो
नमस्ते समथर की कुन्तल: स्वावलंबी स्त्री
परिवर्तन का आगाज
गोपाल सिंह नेपाली के गीतों का क्रमिक विकास
इंदिरा आवास योजना
हिन्दी में छायावाद : संक्षिप्त तुलना
मुखिया जी और जनहित योजना
नयी नयी-सी है पर तेरी रहगुज़र फिर भी…
आवाज के प्रकार
‘पूर्वांचल के नायक’ में आधा सौ बच्चे मंच पर…
52 सालों बाद दादीमाँ के मायके में एक दिन…
संवेद 126 : भारत एक स्वप्न
छायावाद क्या है?
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डॉ योगेंद्र
डॉ योगेंद्र
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samved
October 23, 2021
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तेंदुए के विष-नेत्र, दहकती घृणा और सांप
अज्ञेय ने ‘ शरणार्थी’ नामक कविता लिखी है। यह कविता 11 उपखंडों में बँटी है और 12 अक्टूबर 1947…
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