मुकुटधर पाण्डेय
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भविष्यत् में हिन्दी का रूप क्या हो?
पद्मश्री पं. मुकुटधर पाण्डेय 30 सिंतबर पं. मुकुटधर पाण्डेय की जयंती के अवसर पर अक्टूबर 1918 की “सरस्वती” में…
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मुकुटधर पाण्डेय के काव्य की पृष्ठभूमि
डॉ. बलदेव पंडित मुकुटधर पाण्डेय संक्रमण काल के सबसे अधिक सामथ्यर्वान कवि हैं। वे द्विवेदी-युग और छायावाद के…
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हिन्दी में छायावाद : संक्षिप्त तुलना
पिछले लेख से पाठक ‘छायावाद’ का स्थूल-रूप समझ गये होंगे। अब उसी के आधार पर संक्षिप्त तुलना द्वारा यह…
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छायावाद क्या है?
हिन्दी में यह एक बिलकुल नया शब्द है ; अतएव पाठक पूछ सकते हैं कि वह क्या…
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हिन्दी में छायावाद : काव्य-स्वातन्त्र्य
पद्मश्री पं. मुकुटधर पांडेय एक ओर कविता अपनी जन्मकुटीर से निकलकर बाहर पैर रखती है, दूसरी ओर उसे नियमों…
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कविता निबन्ध लेखमाला भाग – 4
छन्द हम संक्षेप में कविता के शरीर और आत्मा का वर्णन कर चुके। अब उसके परिच्छेद का कुछ विवरण…
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कविता निबन्ध लेखमाला भाग – 3
भाषा आजकल हिन्दी में जितनी कविताएँ निकलती हैं, वे प्रायः ‘ खड़ी बोली ‘ की ही होती हैं। पर…
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कविता निबन्ध लेखमाला भाग – 2
कविता का उद्देश्य है लोकोत्तर आनन्द प्रदान करना। इस आनन्द का स्थान आहार-विहार जनित पाशविक आनन्दों से बहुत…
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कविता निबन्ध लेखमाला भाग 1
कविता कविता एक स्वर्गीय वस्तु है। उसके पाठ से अशान्त मानस को शान्ति मिलती है। मनुष्य चाहे परिश्रम से…
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कवि और उसका चरित्र : पं. मुकुटधर पाण्डेय
कवि शब्द बहुत महत्व का है। कवि का आसन बहुत ऊंचा है। राज राजेश्वरों की भी पहुंच वहाँ तक…
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