Friday, May 16 2025
अज्ञेय जी का बड़प्पन
संघर्ष और समन्वय की कहानियाँ
विलुप्त हो रही पहाड़िया जनजाति पर केंद्रित लघु उपन्यास “ठूंठ पर कोकिल की कूक” का अंश
‘रंग यात्रियों के राहे गुजर’: संस्मरण में कथात्मकता
साम्प्रदायिक सोच के प्रतिरोध की कहानियाँ
मुझे मेरा ‘जीवनी-लेखक’ मिल गया’ – सुरेंद्र वर्मा
बच्चों के साथ ‘बतरस’ ने मनाया ‘बाल दिवस’
एक बार फिर ‘राशोमन’ मंच पर – ‘मटियाबुर्ज़’ नाम से…
मध्यवर्गीय चिन्ताओं के बाहर भी
रचनाकार की आलोचकीय अभिव्यक्ति
क्लासिक नाटक की क्लास प्रस्तुति – चारुदत्तम्
महामहिम और अपनी लंगोटिया यारी को याद करते हुए
इस इतिहास को अभी थोड़ा और आलोचनात्मक होना है
भारतेंदु के नाटक 1857 की मशाल हैं
हर बशर को लाज़िम है सब्र करना चाहिए
‘पर्यावरण : संकट के बावजूद’ पर ‘बतरस’ में सार्थक चर्चा
अभिव्यक्ति के रंग
‘प्रवीण नाट्योत्सव’: खाँटी व विविधरंगी रंगकर्म की मिसाल
स्मृतियों का घर बुनता एक कवि
प्रतिरोध की भूमिका में खड़ा नाटक
बैल की आंख
उम्मीदों के आतिशदाने
कला-संस्कृति की बहुरंगी छटाएँ बिखेरता त्रिदिवसीय आयोजन
समलैंगिक विमर्श का ‘चोर दरवाज़ा’
मधुपर्व पर प्रेम-रस में भींगी ‘बतरस’
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RAKESH DUBEY
RAKESH DUBEY
कथा संवेद
samved
August 1, 2021
4
कथा-संवेद – 9
इस कहानी को आप कथाकार की आवाज में नीचे दिये गये वीडियो से सुन भी सकते हैं: …
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