‘स्व’ से ‘स्वजन’
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मूल्यांकन
‘स्व’ से ‘स्वजन’,‘स्वजन’ से ‘सर्वजन’ की काव्य–यात्रा
मेरे विचार में किसी भी कवि अथवा कविता का यथार्थ केवल ‘स्व–पीड़ा’ मात्र नहीं है, जो कि प्रायः दलित…
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मेरे विचार में किसी भी कवि अथवा कविता का यथार्थ केवल ‘स्व–पीड़ा’ मात्र नहीं है, जो कि प्रायः दलित…
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