Year: 2025

शख्सियत

परिवेश को रचने की प्रक्रिया में मनुष्यता के मर्म की पहचान

  मनुष्यता के मर्म को आंक पाना कला के विविध ध्येयों में से एक रहा है। यहाँ तक पहुँचने के…

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संस्मरण

अज्ञेय जी का बड़प्पन

  यश मालवीय आज अनायास अज्ञेय जी की याद आ रही है। पहले दो प्रसंग। पहला प्रसंग/ उन दिनों पिता…

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शख्सियत

संघर्ष और समन्वय की कहानियाँ

  अब्दुल बिस्मिल्लाह के चार कहानी संग्रहों को एक साथ मिलाकर 2014 में ‘ताकि सनद रहे’ के नाम से प्रकाशित…

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