शख्सियत
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परिवेश को रचने की प्रक्रिया में मनुष्यता के मर्म की पहचान
मनुष्यता के मर्म को आंक पाना कला के विविध ध्येयों में से एक रहा है। यहाँ तक पहुँचने के…
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संघर्ष और समन्वय की कहानियाँ
अब्दुल बिस्मिल्लाह के चार कहानी संग्रहों को एक साथ मिलाकर 2014 में ‘ताकि सनद रहे’ के नाम से प्रकाशित…
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साम्प्रदायिक सोच के प्रतिरोध की कहानियाँ
साम्प्रदायिकता की समस्या पर हिन्दी साहित्य में विपुल लेखन हुआ है। और लेखन की यह विपुलता विधाओं की विविधता…
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रचनाकार की आलोचकीय अभिव्यक्ति
अब्दुल बिस्मिल्लाह हिन्दी की दुनिया में उपन्यासकार, कहानीकार के रूप में जाने जाते हैं। उनकी प्रसिद्धि का एक बड़ा…
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महामहिम और अपनी लंगोटिया यारी को याद करते हुए
-1- उत्तरप्रदेश के देवरिया शहर में ‘देवरिया ख़ास’ इलाक़े के मूल रहिवासी… हैं तो वस्तुतः अरूणेशमणि त्रिपाठी, पर साहित्य…
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हर बशर को लाज़िम है सब्र करना चाहिए
किस्सागोई की परम्परा के सूत्र भारत में मध्यकाल में मिलते हैं। उर्दू के साथ-साथ हिन्दी कथा साहित्य ने भी…
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गोपाल सिंह नेपाली के गीतों का क्रमिक विकास
हिन्दी के रससिद्ध कवि गोपाल सिंह नेपाली का जन्म 11 अगस्त 1911 को बेतिया, पश्चिम चम्पारन बिहार के काली…
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राष्ट्र को समर्पित पं. लोचनप्रसाद पाण्डेय की पद्म पुष्पांजलि
अन्य समकालीन साहित्यकारों की अपेक्षा पाण्डेय जी की मुश्किलें कुछ ज्यादा दिखाई देती हैं। पहले दो भाषा को…
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शरतचन्द्र की रचनाओं में स्त्री पात्रों के विभिन्न आयाम
शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय (1876-1938) बंगाल की साहित्यिक त्रिवेणी (अन्य दो प्रमुख साहित्यकार हैं, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर और बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय) की…
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