Tuesday, September 26 2023
हमारे ‘श्रीधर भइया’ उर्फ़ सबके ‘बच्चा’
खान्दान भर के चाचा : प्रभाकर त्रिपाठी
आतंकी हिंसा की खोल में ‘चुप’ के राज़ और भी हैं…!
रघुबर पहँ जाब…अब ना अवध में रहबै…
शैलेन्द्र के गीतों में मानवीय संवेदना
निकम्मों के कोरस का स्वर
कथा संवेद – 22
परती परिकथा : पात्रों की बहुलता के बीच” एक जैविक आंचलिक उपन्यास”
ग्रामीण राजनीतिक विसंगतियाँ और चाक
स्त्री जीवन का दस्तावेज़-बेहटा कलाँ
‘क़ौल-ए-फ़ैसल’ : मौलाना आजाद की शानदार विरासत और हमारा वर्तमान
रुई लपेटी आग : लोक धारणा से इतर कथा धारणा
मजलूमों का मसीहा और बुद्धिजीवियों का नायक
जनसंवाद भाग 3 (शेष अंश)
जनसंवाद : भाग 3
‘समंदर का राजा’ बनाम ‘वह बूढ़ा और सागर’
‘नेहरू नाट्योत्सव : परम्परा एवं 2022 के नाटक’
जन संवाद: द्वितीय भाग
भविष्यत् में हिन्दी का रूप क्या हो?
मुकुटधर पाण्डेय के काव्य की पृष्ठभूमि
जन संवाद: प्रथम भाग
दीप यज्ञ बनाम मास कम्युनिकेशन
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो
नमस्ते समथर की कुन्तल: स्वावलंबी स्त्री
परिवर्तन का आगाज
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Between hypnosis and disagreement
Between hypnosis and disagreement
लेख
samved
July 1, 2017
7
210
सम्मोहन और असहमति के बीच
राकेश बिहारी प्रियंवद हिन्दी के उन विरले कथाकारों में से एक हैं जिनसे आप असहमत होते हुये भी अथाह…
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