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फणीश्वर नाथ रेणु
प्रेम की चाह और व्यवस्था का शास्त्र
(तीसरी कसम अर्थात मारे गये गुलफाम) ‘तीसरी कसम उर्फ मारे गये गुलफाम’ कहानी का हिरामन रह-रह कर मन…
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फणीश्वर नाथ रेणु
कितने चौराहे : ‘रेणु’ का एक सपना
हर बड़ा साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से एक समानान्तर दुनिया रचने का स्वप्न देखता है। जीवन अनुभव के…
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फणीश्वर नाथ रेणु
समर्थ पात्रों की कहानी (अच्छे आदमी)
आकांक्षा पारे काशिव कहानीकार होना अलग बात है और कहानियों पर लिखना बिलकुल अलग। उस पर भी यदि…
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फणीश्वर नाथ रेणु
औराही हिंगना की यात्रा
देव प्रकाश चौधरी चलते हुए मन‘में-में‘ करता है, ‘हक-हक‘ करता है, ‘अस-बस‘ करता है और कभी-कभी‘कस -मस‘ भी…
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