Sunday, December 22 2024
साम्प्रदायिक सोच के प्रतिरोध की कहानियाँ
मुझे मेरा ‘जीवनी-लेखक’ मिल गया’ – सुरेंद्र वर्मा
बच्चों के साथ ‘बतरस’ ने मनाया ‘बाल दिवस’
एक बार फिर ‘राशोमन’ मंच पर – ‘मटियाबुर्ज़’ नाम से…
मध्यवर्गीय चिन्ताओं के बाहर भी
रचनाकार की आलोचकीय अभिव्यक्ति
क्लासिक नाटक की क्लास प्रस्तुति – चारुदत्तम्
महामहिम और अपनी लंगोटिया यारी को याद करते हुए
इस इतिहास को अभी थोड़ा और आलोचनात्मक होना है
भारतेंदु के नाटक 1857 की मशाल हैं
हर बशर को लाज़िम है सब्र करना चाहिए
‘पर्यावरण : संकट के बावजूद’ पर ‘बतरस’ में सार्थक चर्चा
अभिव्यक्ति के रंग
‘प्रवीण नाट्योत्सव’: खाँटी व विविधरंगी रंगकर्म की मिसाल
स्मृतियों का घर बुनता एक कवि
प्रतिरोध की भूमिका में खड़ा नाटक
बैल की आंख
उम्मीदों के आतिशदाने
कला-संस्कृति की बहुरंगी छटाएँ बिखेरता त्रिदिवसीय आयोजन
समलैंगिक विमर्श का ‘चोर दरवाज़ा’
मधुपर्व पर प्रेम-रस में भींगी ‘बतरस’
आदि-अंत से अनंत… होते गुरु – टी.एन.राय
अलविदा इमरोज दरवेश
गोस्वामी तुलसीदास: इन्द्रियविजय या आत्मसंघर्ष?
हिंदी आलोचना की आलोचना
Menu
Search for
संवेद
संवेद पत्रिका
सबलोग
कविता
कहानी
लेख
आत्मकथ्य
रचना प्रक्रिया
रिपोर्ताज
संस्मरण
पुस्तक समीक्षा
शताब्दी स्मरण
फणीश्वर नाथ रेणु
मुकुटधर पाण्डेय
प्रेमचन्द
नाटक
रंगमंच
साक्षात्कार
उपन्यास
सपने जमीन पर
Search for
Home
/
कथा-संवेद – 12
कथा-संवेद – 12
कथा संवेद
samved
August 1, 2021
12
कथा-संवेद – 12
इस कहानी को आप कथाकार की आवाज में नीचे दिये गये वीडियो से सुन भी सकते हैं: …
Read More »
Back to top button
Close
Search for